नवरात्रि पर्व, माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का पर्व .नारी शक्ति की उपासना की जाती है इन नौ दिन में .भक्त जन माँ के रूप में देवी की उपासना करते हैं .व्रत रखते है ,उपवास रखते हैं आराधना करते हैं और अपने कुशल क्षेम की याचना करते हैं .देवताओं ने ही अपनी सहायता के लिए माँ का आव्हान किया था और देवी माँ ने उनकी सहायता कर असुरों को पराजित कर उन्हें अभय दान दिया था .कहते हैं भगवान राम ने भी रावन वध के लिए देवी आराधना की थी और वे रावन का वध कर सके ।
इस पर्व के सहारे हम नारी शक्ति की ही तो साधना करते हैं .शक्ति के बिना शिव शव के समान हैं .यह पर्व संदेश देता है नारी के सम्मान का ,उसकी छुपी शक्ति की आराधना का ।
क्या हम सचमुच नारी का सम्मान कर पाए हैं ? समाज ने उसे उसके उचित अधिकार दिए हैं ?नारी पर होते अत्याचार ,कन्या भ्रूण हत्याएं ,दहेज़ के लिए उनकी बलि सचमुच नारी शक्ति का अपमान ही है ।
हमारी देवी आराधना तभी सफल होगी जब हम नारी समाज को उसका उचित अधिकार देंगे .उसको सम्मान की द्रष्टि से देखेंगे .नव रात्रि पर्व को हम समर्पित करें नारी के लिए ,उसके सम्मान के लिए ,हमारा यही संकल्प सही देवी उपासना होगी .तभी माँ भगवती हम सब पर प्रसन्न होगीं .
Sunday, April 5, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment