कुछ राज्यों में अभी चुनाव हुए और उनके परिणाम भी सामने आए.मतदान का बढ़ा प्रतिशत लोकतंत्र के लिए शुभ संदेश देता है.चुनाव परिणाम इस बात का संकेत है कि सकारात्मक कार्य ही विजय दिलाने में समर्थ हैं.जिस दल नेविकास के काम किए ,लोगों की समस्या सुलझाई उसे जीत मिली.अब समय कोरी लफ्फाजी का नहीं ,भाषण बाजी का नहीं.राजनैतिक ड्रामें से सरकार नहीं बनेंगी अब.म.प्र.और छ.ग.में पूर्ण बहुमत प्राप्त दल ने जनता के विश्वास को काम कर जीता है तभी वह सत्ता पर काबिज हो सकी .शीला दिक्षित का फ़िर से सत्ता पर आना उनके कार्य का ही परिणाम है. राजस्थान में शायद महारानी गफलत में रहीं और खेत रहीं।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में कांग्रेस के दो पूर्व मुख्य मंत्रियों ने कांग्रेस का इन प्रदेशों में सचमुच बंटाधार किया है. अपने बड़बोले पॅन के कारण इन लोगों ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुँचाया है.फ़िर न जाने क्यों हाई कमान इन पर मेहरबान है.खैर यह दल का मामला है .उनकी वो जाने.वर्तमान चुनाव निष्पक्ष हुए ,चुनाव आयोग की सख्ती के कारण.दलों को विजय मिली उनके कार्य के कारण .यही सचमुच का प्रजातंत्र है .बलिहारी प्रजातंत्र की .
Tuesday, December 9, 2008
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1 comment:
देखो अभी आगे क्या होता है।बी जे पी को उस की डुलमुल नीति ने हरवाया है।
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