एक बार फ़िर मुंबई पर दहशत गर्दों ने निशाना साधा था ,मुंबई की शान ताज होटल इस बार निशाने पर रहा .जांबाज वीरों ने आखिर आतंकियों के मंसूबों पर फ़िर पानी फेर दिया .उन शहीदों को हमारा शत शत नमन । यह आतंकी हमला मुंबई पर नहीं यह देश पर हमला था .देश के कर्णधारो अब तो चेतो ।
अपने सुरक्षा घेरे से बाहर निकलो .अपनी क्षुद्र और अवसरवादी राजनीति त्यागो .बहुत हो गया आतंवादियों
का पोषण .जाती धर्म से ऊपर उठो ,देशको बचाओ .नहीं तो तुम्हे क्षमा नहीं किया जाएगा .
नेस्तनाबूत करो आतंक वादियों को । हमारा गुप्तचर विभाग निकम्मा साबित हुआ ,लगाम सासों उस पर।
शहीदों को मुआवजा दे कर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मत समझो .सख्त कानून बनाओ.आतंकवादियों का कोई धर्म और मजहब नहीं होता .आतंक आतंक ही होता है .
आखिर कब तक निर्दोषों का खून बहेगा .जागो ,चेतो मेरे देश के जिम्मेदार नेताओ ।
अपना कर्तव्य निबाहो .भाषण बाजीसे कुछ नहीं होगा .
Saturday, November 29, 2008
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2 comments:
hi.
aapne bahut achcha likha hai
krapya aap sabdon ko bada karke prakashit karen.
danyavad
very good. very good blog aap realy itna accha likhte ho aap ko yeh kisi newspaper or magzine mail prakashit karana chahiye.
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