हाल ही में बहुत से ढोंगी बाबाओं की पोल खुली है .धर्म के नाम से ,संतों के नाम से ,ईश्वर के नाम से अंध श्रध्दालु भोले भक्तों को ठगने वाले ये इच्छाधारी बाबा ,नित्यानंद बाबा ,कृपालु जी महाराज जैसे बाजारवाद की उपज तथाकथित पाखंडी बाबाओं की जितनी भी भर्त्सना की जाये वह भी कम है .रातों रात लखपति ,करोड़ पति बन कर ,सुख सुविधा बढाकर ,भोग विलासमय जीवन जी रहे हैं .यही स्थिति हमारे तथाकथित शंकराचार्यों की है .शाही रहन सहन अपनाकर आखिर ये हिन्दू समाज का क्या भला कर रहे हैं ?
बाजारवाद ने मानो सारी नैतिकता को ताक पर रख दिया है . नेता ,अधिकारी के साथ साथ बाबा लोग भी अपना धंधा चला रहे हैं ।
क्या कानून इन पकडे गए लोगों को उचित सजा देगा ? इन सब की मिलीभगत की क्या पोल खुल खुलेगी ?यह अभी देखना है .या फिर स्थिति ढ़ाक के तीन पात ही होगी .फिर उनका धंधा चल निकलेगा .
Sunday, March 14, 2010
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1 comment:
मैंने तो यह सुना है की जब ""ये "" टीवी पर प्रवचन देने आते है तब ब्यूटी पार्लर जाते हैं और ड्रेस डिजाइनर से पोशाक तैयार करवाते है
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