Saturday, May 15, 2010

भारतीय संस्कृति का पावन पवित्र दिन

.अक्षय.तृतीया भारतीय संस्कृति का धार्मिक ,सामाजिक दृष्टि से एक विशेष दिन है .सृष्टि के चार युगों में से एक त्रेता युग का प्रारंभ इसी दिन से माना जाता है .नर नारायण ,परशुराम ,हयग्रीव् का यह जन्म दिन है .मांगलिक .कार्यों यथा विवाह आदि के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है .भगवान विष्णु और भगवती लक्ष्मी का पूजन और उपासना का आज के दिन विशेष महत्त्व है ।
आज देश में बहुतायत में विवाह कार्य सनातन धर्मी संपन्न करेंगे .भगवान परशुराम का जन्म दिन हर्ष ,उल्लास से मनाया जायेगा .हाँ ,कहीं कहीं बाल विवाह भी संपन्न होंगे ,कानूनी .रोक के बाद भी .आज भी बाल विवाह देश के लिए सोचनीय और दुखद हैं .यह स्थिति बदलना चाहिए .क्यों न आज के दिन यह संकल्प लिया जाये और बाल विवाह के प्रति कड़ा रुख अपनाया जाये ।
आज के दिन उस .मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को भी स्मरण करें जिनका जन्म त्रेतायुग में ही हुआ और जिनका आदर्श आज भी जीवंत है .भगवान परशुराम जिन्होंने अधर्म और अत्याचार के लिए क्षत्रिय बाना .धारण कर दुरात्माओं का .संघार किया वे भी हमारे लिए स्मरणीय हैं ।
.भावी पीढी उनके आदर्शों ,उनके कार्यों का अध्ययन करे ,मनन करे और अपनी संस्कृति से परिचित हो ,ऐसी अपेक्षा है .इस पावन और पवित्र पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं और पवित्र भावों के साथ ..

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