Tuesday, December 16, 2008

भू मंडलीय शिक्षा

आज जब हम अपने देश में निरक्षरता की समस्या से जूझ रहे हैं ,तभी हमें अपने देश में ग्लोबल शिक्षा जैसा नाम सुनने को मिल रहा है.इसके लिए तैयारियां चल रही हैं .एक बहुत बड़े वर्ग को पीछे छोड़ हम भला कैसे वैश्विक उन्नत शिक्षा के लिए आगे बढ़ें। क्या समर्थ लोगों के आगे हम उन करोड़ों को नजर अंदाज कर दें जो आज भी नाम की जगह अपना अंगूठा लगा रहे हैं.सर्वप्रथम तो हमें अपने इन भाइयों को साक्षर बनाना होगा.उन्हें शिक्षा का महत्व समझाना होगा .यदि भारत का जन सामान्य ऐसे ही अशिक्षित रहा तो इससे हमारा विकास अधूरा ही रहेगा .आज जरूरत है इन्हें साथ लेकर आगे बढ़ने की.यह वह वर्ग है जिसका लोकतंत्र को आगे बढ़ने में अहम् योगदान है .उसकी उपेक्षा हमें महँगी पड़ेगी .अस्तु ,आइये !आज हम उन्हें साथ लें और लोकतंत्र के इन सक्षम लोगों को सामान्य शिक्षा से लेकर उन्नत या ग्लोबल शिक्षा में अपना भागीदार बनायें.

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