Wednesday, May 5, 2010

कर्ज मुक्ति का संतोष .....

आज जब पूरी दुनियां के साथ साथ हमारे देश में भी चार्वाक का सिध्दांत कर्ज लो घी पियो चल रहा है तो कर्ज आसानी से मिल रहा है और लोग ले रहे हैं .चादर के अनुसार पैर पसारने की बात बेमानी साबित हो रही है .आकंठ डूबे हुए हैं लोग कर्ज से .बाजार वाद ने उनके चेहरे से शिकन भी हटा दी है .नई पीढी तो और आगे है ।
खैर हम तो पुरानी पीढी के है ,सेवा निवृत्ति नजदीक है कर्ज समाप्ति की ओर हमारा ध्यान है .एक लम्बी कर्ज राशि हमने चुकाया है ,संतोष और शांति मिल रही है . हाँ इस कर्ज से हमारा बहुत भला हुआ है .कर्ज मुक्ति से लगा मानों बोझ हल्का हो गया है .आज ही बैंक में जमा अपने मूल पेपर मिले तो संतोष दूना हो गया ।
कर्ज मिलते समय जो खुशी मिली ,कर्ज मुक्ति से भी बड़ा संतोष मिला .सेवा निवृत्ति के बाद के आर्थिक बोझ से कुछ छुटकारा तो मिला ,इसका सुख और शांति है .संतोषी जीव को उसका मनमाफिक तो मिल ही गया .

2 comments:

MANZILE AUR BHI HAIN said...

bahut hi acha hai

Anonymous said...

kash ki naye dunia ke log aisa hi sochate.