Wednesday, January 14, 2009

अद्भुत सुघटना! जन्म दिन

जन्म दिन ! साल की एक अद्भुत सुघटना है .अपने एक निबंध में बाबू गुलाब राय ने आत्म विश्लेषण करते हुए लिखा है कि मैं अपना जन्म दिन नहीं मनाता .कारण बताते हुए वे कहते हैं कि हर आने वाला जन्म दिन हमारी उम्र घटने का संदेशा देता है .आख़िर इसमें क्या विशेषता है।
बाबूजी भले ही जन्म दिन न मनाने के पक्षधर हों पर सचमुच में जन्म दिन खुशियों का एक त्यौहार है .जन्म दिन स्वयम और अपनों के बीच खुशियाँ बाँटने का दिन है.स्वजन जब बधाइयाँ देते हैं ,कुछ क्षणों के लिए वे अपनी मुस्कान बिखेरते हैं ,हमारे बीच उपस्थित होते हैं मन प्रफुल्लित हो जाता है.दूर बस रहे हमारे बच्चे जब बधाई देते हैं तो मानो वे हमारे नजदीक होते हैं .यही खुशी हमें हमारा जन्म दिन देता है.इसी बहाने हमारे साथ साथ सामने वाले भी मुस्कान बिखेरते हैं ।
तो फ़िर क्यों न मनाएं हम जन्म दिन .बांटें लोगों के संग खुशियाँ .यही हमारे लिए पर्याप्त है.

1 comment:

Smita Asthana said...

very good akhir apne man hi liya ki birthday khushiyion ka din hota hai.