हम लोग भोपाल साथ साथ आये ,साथ साथ प्रशिक्षण लिया एवं भेल संस्थान में साथ साथ सेवा में आये .अच्छा सम्बन्ध रहा इतने दिनों ,लगभग चालीस साल ।
एक इमानदार ,साहसी ,कर्मठ एवं मिलनसार संक्षेप में यही परिचय है उसका .शुरू में हम लोगों का नजदीकी सम्बन्ध रहा ,बाद में विभाग परिवर्तन के बाद यदा कदा ही मिलना जुलना रहा ,मिलते तो गले मिलकर ।
दो दिन पूर्व उसका देहावसान हुआ .उसके साथ बिताये क्षण आज याद आ रहे हैं .उसके सेवा निवृत्ति के भी अभी लगभग दो वर्ष थे .कब किसका बुलावा आ जाये ,कहा नहीं जा सकता ।
अब तो उसकी स्मृतियाँ शेष हैं .प्रभु से प्रार्थना है ,उसकी आत्मा को शुभ गति दे,उसे शांति मिले .
Sunday, April 25, 2010
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